ट्रंप की उम्मीदों पर पानी फेर वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार-2025 ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सारी उम्मीदों को तार-तार करते हुए यह सम्मान वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता और लोकतंत्र की मजबूत आवाज मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया गया है। शुक्रवार को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में हुई इस घोषणा ने दुनिया भर का ध्यान एक ऐसी महिला पर केंद्रित कर दिया है, जो एक अधिनायकवादी सरकार के खिलाफ अटूट साहस और संघर्ष का प्रतीक बन गई हैं।

ट्रंप की बेचैनी पर लगी ब्रेक

इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर काफी चर्चा थी। माना जा रहा था कि उनकी कुछ विदेश नीतियों, जैसे कुछ शांति समझौतों को इस पुरस्कार के लिए मान्यता मिल सकती है। हालांकि, नोबेल विशेषज्ञ पहले ही यह स्पष्ट कर चुके थे कि नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी आमतौर पर उन लोगों या संगठनों को यह पुरस्कार देती है, जो लंबे समय से शांति और मानवाधिकारों के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हों, न कि सत्ता में बैठे लोगों को। इस निर्णय ने एक बार फिर नोबेल समिति की स्वतंत्रता और उसके मानदंडों की पुष्टि की है।

मारिया कोरिना मचाडो: एक संक्षिप्त परिचय

मचाडो का जन्म 7 अक्टूबर, 1967 को हुआ था। वह न केवल एक प्रमुख विपक्षी नेता हैं, बल्कि एक योग्य औद्योगिक इंजीनियर भी हैं। उनके संघर्ष और योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:

  • लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता: 2002 में उन्होंने एक स्वतंत्र वोट निगरानी समूह ‘सूमाते’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य देश में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना था।

  • राजनीतिक सफर: वह वेंटे वेनेजुएला पार्टी की राष्ट्रीय समन्वयक हैं और 2011 से 2014 तक वेनेजुएला की नेशनल असेंबली की सदस्य भी रह चुकी हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय पहचान: उनके संघर्ष और प्रभाव को देखते हुए उन्हें 2018 में बीबीसी की 100 प्रभावशाली महिलाओं और 2025 में टाइम पत्रिका की 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया।

  • सरकारी दमन का शिकार: निकोलस मादुरो सरकार ने उन पर कई प्रतिबंध लगाए, जिनमें देश छोड़ने पर प्रतिबंध भी शामिल है। 2023 में सरकार द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बावजूद, उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए विपक्षी प्राथमिक चुनाव में शानदार जीत दर्ज की, जो उनकी लोकप्रियता का प्रमाण था।

अन्य संभावित दावेदार

नोबेल शांति पुरस्कार से पहले पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो ने कुछ अन्य संभावित उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिनमें शामिल थे:

  • सूडान की इमरजेंसी रिस्पॉन्स रूम्स: सूडान के गृहयुद्ध के दौरान मानवीय सहायता पहुंचाने वाला एक समुदाय-आधारित नेटवर्क।

  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय: वैश्विक न्याय और कानून का शासन स्थापित करने वाली संस्थाएं।

  • कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स: पत्रकारों की सुरक्षा और प्रेस की आजादी के लिए काम करने वाला अमेरिकी संगठन।

नोबेल शांति पुरस्कार का महत्व और इतिहास

नोबेल शांति पुरस्कार न केवल एक प्रतिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि यह दुनिया भर में शांति और मानवाधिकारों के लिए संघर्षरत लोगों के लिए एक शक्तिशाली संदेश और समर्थन भी है।

  • विशिष्ट स्थान: अन्य सभी नोबेल पुरस्कार (साहित्य, विज्ञान, आदि) स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दिए जाते हैं, जबकि केवल शांति पुरस्कार का ऐलान और समारोह नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में होता है।

  • पिछले वर्ष का विजेता: 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार जापान की संस्था ‘निहोन हिदानक्यो’ को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए उनके दशकों लंबे संघर्ष के लिए दिया गया था।

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