यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले में स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) अब देश की हाई-स्पीड रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ने जा रहा है। इसके लिए नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (NHRCL) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है। यह कदम इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरपोर्ट को देश के परिवहन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
कहाँ बनेगा स्टेशन? एयरपोर्ट के अंदर ही होगी सुविधा
दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन बनाए जाएंगे:
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नोएडा सेक्टर 148: यह एक एलिवेटेड स्टेशन होगा।
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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: इसके ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (GTC) में एक अंडरग्राउंड स्टेशन बनाया जाएगा। यह सीधे एयरपोर्ट टर्मिनल से जुड़ाव सुनिश्चित करेगा, जिससे यात्रियों के लिए सीमलेस कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
इस नए प्रस्ताव को आधिकारिक तौर पर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) में शामिल किया जाएगा।
रफ्तार का कमाल: 70 KM का सफर सिर्फ 21 मिनट में!
इस हाई-स्पीड ट्रेन की गति का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दिल्ली के सराय काले खां से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक की लगभग 70 किलोमीटर की दूरी महज 21 मिनट में तय हो जाएगी। यह वर्तमान यातायात के हिसाब से कार से होने वाले सफर का एक फ्रैक्शन है।
ट्रैक का मार्ग: एक्सप्रेसवे के बीचों-बीच से गुजरेगी ट्रेन
हाई-स्पीड ट्रेन के ट्रैक को सावधानीपूर्वक प्लान किया गया है ताकि यह कुशल और सीधा रास्ता प्रदान कर सके:
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एलिवेटेड ट्रैक को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के ठीक बीचोंबीच (सेंट्रल मीडियन) पर बनाया जाएगा।
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यह ट्रैक आगे चलकर यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर बढ़ते हुए सीधे एयरपोर्ट के GTC तक पहुंचेगा।
गेम-चेंजिंग प्रभाव: कनेक्टिविटी में मिलेगा अभूतपूर्व बढ़ावा
यह परियोजना पूरे क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी:
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एयरपोर्ट एक्सेस: दुनिया भर से आने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट तक पहुंचना तेज, आरामदायक और विश्वसनीय हो जाएगा।
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दो हवाई अड्डों का एकीकरण: नोएडा एयरपोर्ट और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) के बीच की दूरी अब मिनटों की हो जाएगी। इससे यात्री आसानी से दोनों हवाई अड्डों के बीच कनेक्ट कर सकेंगे।
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देश का पहला एयरपोर्ट: यह देश का पहला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा जिससे हाई-स्पीड ट्रेन सीधे जुड़ेगी।
तीर्थ और पर्यटन सर्किट को मिलेगा फायदा
यह हाई-स्पीड रेल नेटवर्क प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों को एक सूत्र में पिरोएगा:
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दिल्ली (सराय काले खां) से शुरू होकर यह ट्रेन नोएडा, मथुरा, आगरा (ताजमहल), इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही होती हुई वाराणसी (काशी) तक जाएगी।
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इससे अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, और काशी विश्वनाथ धाम जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।
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वर्तमान में दिल्ली से वाराणसी की 816 किलोमीटर की दूरी तय करने में ट्रेन से 10 घंटे से अधिक का समय लगता है। हाई-स्पीड ट्रेन इस यात्रा के समय में भारी कमी लाएगी।