व्हाइट हाउस से माफी: ट्रम्प के कहने पर नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री को फोन कर दोहा हमले पर जताया खेद

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले महीने दोहा में हुए हमले के लिए आखिरकार कतर से माफी मांग ली है। यह माफी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सीधे हस्तक्षेप के बाद आई है, जिन्होंने सोमवार को व्हाइट हाउस में नेतन्याहू से मुलाकात के दौरान यह कदम उठाने को कहा। इस हमले ने गाजा में चल रही शांति वार्ता और अमेरिका की रणनीतिक योजनाओं को गंभीर झटका दिया था।

क्या हुआ था दोहा हमले में?

9 सितंबर को, इजरायली सेना ने कतर की राजधानी दोहा में हमास के एक शीर्ष नेता, खलील अल-हय्या को निशाना बनाते हुए एक साहसिक हमला किया था। हालाँकि अल-हय्या इस हमले में बच गया, लेकिन इसमें छह अन्य लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक कतर का अधिकारी भी शामिल था। किसी एक अरब देश की भूमि पर हुआ यह हमला एक गंभीर घटना थी, जिसने कतर को इजरायल के खिलाफ नाराजगी में डाल दिया और गाजा युद्धविराम की मध्यस्थता को ठप्प कर दिया।

ट्रम्प का हस्तक्षेप और व्हाइट हाउस से फोन

नेतन्याहू सोमवार को गाजा युद्ध में युद्धविराम पर चर्चा करने के लिए अमेरिका पहुंचे। यह इस साल उनकी चौथी अमेरिका यात्रा थी। मुलाकात के दौरान, राष्ट्रपति ट्रम्प ने नेतन्याहू से कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से सीधे बात करने और माफी मांगने का आग्रह किया।

सूत्रों के अनुसार, नेतन्याहू ने सीधे व्हाइट हाउस से ही कतर के प्रधानमंत्री को फोन किया। इस फोनकॉल में, नेतन्याहू ने कतर की संप्रभुता का उल्लंघन करने और उसके एक अधिकारी की मौत पर दुख और खेद व्यक्त किया। यह कदम गाजा में फंसे शांति प्रक्रिया के पहियों को फिर से गति देने की एक बड़ी कोशिश माना जा रहा है।

ट्रम्प के लिए कतर क्यों है इतना अहम?

राष्ट्रपति ट्रम्प का कतर पर इतना दबाव डलवाने के पीछे कई मजबूत और रणनीतिक कारण हैं:

  1. विशाल आर्थिक सौदा: मई 2025 में ट्रम्प की दोहा यात्रा के दौरान, कतर एयरवेज ने बोइंग से 160 विमानों की खरीद के लिए 243.5 बिलियन डॉलर (लगभग 20 लाख करोड़ रुपए) के ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

  2. सबसे बड़ा सैन्य अड्डा: कतर में स्थित अल उदीद एयर बेस मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की रीढ़ की हड्डी है।

  3. शांति वार्ता में मध्यस्थ: कतर ही वह देश है जो गाजा में इजरायल और हमास के बीच शांति वार्ता और बंधकों की रिहाई में मध्यस्थ की crucial भूमिका निभा रहा है। यह ट्रम्प की शांति योजना की सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है।

  4. ट्रम्प को उपहार: कतर ने ट्रम्प को एक 400 मिलियन डॉलर (लगभग 3400 करोड़ रुपए) मूल्य का बोइंग 747-8 विमान तोहफे में दिया था, जिसने भी राजनीतिक संबंधों को प्रभावित किया है।

गाजा युद्धविराम पर केंद्रित है वार्ता

नेतन्याहू की यह अमेरिका यात्रा मुख्य रूप से गाजा में तत्काल युद्धविराम स्थापित करने पर केंद्रित है। मुलाकात से पहले ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें भरोसा है कि गाजा में जल्द ही शांति कायम हो सकती है। उन्होंने अपनी 21-सूत्रीय शांति योजना का जिक्र किया, जिसमें तत्काल युद्धविराम, 48 घंटे के भीतर सभी बंधकों की रिहाई और इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी जैसे बिंदु शामिल हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि दोनों पक्ष इस योजना को अंतिम रूप देने के “बहुत करीब” हैं।

अंतरराष्ट्रीय दबाव और घरेलू राजनीति

यह माफी और वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त दबाव है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू के भाषण के दौरान कई देशों के प्रतिनिधियों ने विरोध जताते हुए वॉकआउट किया था। वहीं, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा जैसे पारंपरिक सहयोगी देशों ने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है।

दूसरी ओर, नेतन्याहू को अपने देश की कठोर दक्षिणपंथी राजनीति का भी सामना करना पड़ रहा है। उनके गठबंधन में शामिल कई दल चेतावनी दे चुके हैं कि अगर नेतन्याहू हमास का पूरी तरह सफाए बिना युद्धविराम के लिए राजी हुए, तो वे सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे।

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