टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का जो फैसला किया, उसे कुलदीप ने अपनी जबरदस्त गेंदबाजी से सही साबित कर दिया। पाकिस्तानी टीम के शुरुआती दबदबे के बाद, कुलदीप ने वह जादू बिखेरा, जिसने मैच का पूरा पासा ही पलट दिया और पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया।
चार ओवर, चार विकेट: जब कुलदीप ने मचाई तहलका
फाइनल के दबाव को दूर रखते हुए कुलदीप यादव ने एक बेहतरीन गेंदबाजी का नमूना पेश किया। उन्होंने अपने चार ओवर की इस कीमती पारी में मात्र 30 रन देकर चार अहम विकेट झटके। उनकी गेंदों के आगे पाकिस्तान के बल्लेबाज बिल्कुल बेबस नजर आए।
कुलदीप के शिकार बने सईम अयूब, सलमान अली आगा (कप्तान), शाहीन अफरीदी और फहीम अशरफ। उन्होंने न सिर्फ पाकिस्तान के मध्यक्रम को तहस-नहस किया, बल्कि टीम को अंतिम ओवरों में बड़े स्कोर तक पहुंचने से भी रोक दिया। उनकी इसी धारदार गेंदबाजी की बदौलत पाकिस्तानी टीम 20 ओवर के बाद सिर्फ 146 रन तक ही सिमट सकी।
इतिहास रचा: मलिंगा को पीछे छोड़, बने एशिया कप के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज
इस मैच में चार विकेट लेने के साथ ही कुलदीप यादव ने एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। अब उनके नाम एशिया कप (वनडे और टी20 दोनों फॉर्मेट को मिलाकर) में कुल 35 विकेट हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने श्रीलंका के दिग्गज तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा के 32 विकेट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
कुलदीप अब एशिया कप के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं, जो उनकी लगातार बढ़ती महानता को साबित करता है।
स्पिन तिकड़ी का कहर: चक्रवर्ती और अक्षर ने भी दिखाया दम
हालांकि कुलदीप सबसे चमके, लेकिन भारत की स्पिन तिकड़ी ने मिलकर पाकिस्तान को घेरा। वरुण चक्रवर्ती ने भी चार ओवर में 30 रन देकर दो विकेट झटके, जबकि अक्षर पटेल ने अपनी किफायती गेंदबाजी से चार ओवर में सिर्फ 26 रन देकर दो और विकेट अपने नाम किए। इन तीनों गेंदबाजों ने मिलकर पाकिस्तानी बल्लेबाजों के लिए रन बनाना एक मुश्किल काम बना दिया।