दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए उस सनसनीखेज BMW हादसे के मामले में, जिसमें वित्त मंत्रालय के उप निदेशक नवजोत सिंह की मौत हुई थी, आरोपी गगनप्रीत कौर को पटियाला हाउस कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। कोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए उनका पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है, ताकि वह देश से फरार न हो सकें।
जमानत की शर्तें क्या हैं?
पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान जमानत को लेकर स्पष्ट शर्तें रखीं हैं:
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मुचलके की राशि: गगनप्रीत कौर को 1 लाख रुपये का मुचलका जमा करना होगा।
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पासपोर्ट जमा करना: उन्हें अपना पासपोर्ट तुरंत पुलिस के पास जमा करना होगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि आरोपी देश छोड़कर भागने का प्रयास न कर सके।
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अन्य शर्तें: कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि गगनप्रीत को अदालत के सम्मन का पालन करना होगा और किसी भी तरह से जांच में बाधा नहीं डालनी होगी।
हालांकि उन्हें जमानत मिल गई है, लेकिन मामले की कानूनी सुनवाई अभी जारी रहेगी।
हादसे की पूरी कहानी क्या है?
यह दुर्घटना 14 सितंबर, 2025 की रात को घटी थी। नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे से लौट रहे थे और उनकी बाइक पर सवार थे। उसी समय, आरोपी गगनप्रीत कौर अपनी BMW कार को अत्यधिक तेज रफ्तार में चला रही थीं। माना जा रहा है कार का नियंत्रण खोने के कारण वह डिवाइडर से टकरा कर पलट गई।
इस टक्कर का असर नवजोत सिंह की बाइक पर भी हुआ, जिसके बाद वह संतुलन खो बैठे और पास से गुजर रही एक बस से जा टकराए। इस भीषण हादसे में नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
हादसे के बाद क्या हुआ?
हादसे के बाद की घटनाएं भी काफी विवादास्पद रहीं। गगनप्रीत कौर ने घायल दंपति को हादसे की जगह से 19 किलोमीटर दूर एक निजी अस्पताल ले जाने का फैसला किया, न कि नजदीकी सरकारी अस्पताल में। इस कार्रवाई पर भी सवाल उठे हैं कि आखिर उन्होंने इतनी दूर अस्पताल क्यों चुना। पुलिस ने इसके बाद गगनप्रीत को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसके बाद अब उन्हें जमानत मिली है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
गगनप्रीत कौर के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की relevant धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें आमतौर पर लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण मौत जैसे आरोप शामिल होते हैं। अब जमानत मिलने के बाद, पुलिस मामले की जांच पूरी करके चार्जशीट कोर्ट में पेश करेगी। उसके बाद कोर्ट में मुकदमे की正式 सुनवाई शुरू होगी।