‘होमबाउंड’ ने मचाया धमाल: ऑस्कर 2026 में भारत की आधिकारिक एंट्री, जानें क्यों लगे डायरेक्टर नीरज घेवान को 10 साल

ऑस्कर 2026 की बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में भारत की ओर से आधिकारिक एंट्री पाने वाली फिल्म ‘होमबाउंड’ इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। जाह्नवी कपूर, ईशान खट्टर और विशाल जेठवा अभिनीत इस फिल्म की कहानी और अभिनय की हर तरफ तारीफ हो रही है। धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन नीरज घेवान ने किया है, जो इससे पहले ‘मसान’ जैसी सराही गई फिल्म बना चुके हैं।

10 साल बाद आई दूसरी फीचर फिल्म
नीरज घेवान की पहली फीचर फिल्म ‘मसान’ 2015 में आई थी, जिसे दर्शकों और आलोचकों दोनों की तरफ से खूब सराहा गया था। उसके बाद उनकी दूसरी फीचर फिल्म ‘होमबाउंड’ को आने में पूरे 10 साल लग गए। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब नीरज से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं इस सवाल का जवाब पिछले 10 साल से खुद ढूंढ रहा हूं। मैं हमेशा कुछ ऐसा बनाना चाहता था जो मुझे अंदर से झकझोर दे।”

दोस्ती की अवधारणा ने किया प्रेरित
नीरज ने बताया कि ‘होमबाउंड’ बनाने का निर्णय उन्हें दोस्ती की अवधारणा से प्रेरित होकर लिया। उन्होंने कहा, “मुझे जिस चीज ने इस फिल्म की तरफ खींचा, वह दोस्ती थी। दोस्ती के जरिए आप बहुत सारी चीजें लोगों तक पहुंचा सकते हैं। यह फिल्म दिखाती है कि दोस्ती के माध्यम से कैसे आप समाज में बदलाव ला सकते हैं।”

कान्स फिल्म फेस्टिवल में मिल चुका है सम्मान
‘होमबाउंड’ को ऑस्कर में भारत की आधिकारिक एंट्री मिलने से पहले ही इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली थी। इस साल मई में कान्स फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को दिखाए जाने के बाद दर्शकों की तरफ से 9 मिनट तक लगातार तालियां (स्टेंडिंग ओवेशन) मिली थी।

फिल्म की कहानी
‘होमबाउंड’ एक ऐसी युवती की कहानी है जो अपने पैतृक गांव लौटती है और वहां की सामाजिक व्यवस्था से टकराती है। जाह्नवी कपूर, ईशान खट्टर और विशाल जेठवा के किरदार इस यात्रा में उसका साथ देते हैं। फिल्म दोस्ती, समाज और स्वयं की पहचान की तलाश जैसे विषयों को छूती है।

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