गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी में इजरायली सैन्य अभियान लगातार जारी है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। इजरायल ने हाल ही में कतर में हमास नेताओं को निशाना बनाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह युद्धविराम के पक्ष में नहीं है। इसके बजाय, इजरायली सेना अब गाजा सिटी पर कब्जे की दिशा में बढ़ रही है।
सोमवार से शुरू हुई संयुक्त राष्ट्र आमसभा की बैठक में विश्व भर के नेताओं का जमावड़ा हुआ। अधिकांश देशों ने गाजा में शांति और युद्धविराम की अपील की, लेकिन इजरायल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। इजरायल का कहना है कि वह हमास के पूरे नेटवर्क को गाजा सिटी से खत्म करने तक पीछे नहीं हटेगा।
गाजा के प्रति बढ़ रही वैश्विक सहानुभूति
लगातार दो वर्षों से जारी इजरायली हमलों ने गाजा के नागरिकों की स्थिति को बेहद दयनीय बना दिया है। इसका असर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी दिखाई दे रहा है।
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रविवार को ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।
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अब संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में फ्रांस सहित कई यूरोपीय देश भी इसी राह पर चलेंगे।
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यह कदम साफ तौर पर अमेरिका के सहयोगी देशों पर घटते प्रभाव का संकेत है।
गाजा सिटी का अस्पताल बना निशाना
इजरायली सेना ने गाजा सिटी के सबसे बड़े अस्पताल जार्डेनियन हॉस्पिटल को खाली करने का आदेश दिया है।
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इस अस्पताल में स्टाफ के अलावा 300 से अधिक मरीज भर्ती हैं।
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हर दिन सैकड़ों लोग ओपीडी सेवाओं का लाभ लेते हैं।
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इजरायली सेना का दावा है कि यह अस्पताल हमास का गुप्त अड्डा है।
इस कदम से गाजा के स्वास्थ्य ढांचे पर बड़ा संकट मंडरा रहा है, क्योंकि पहले से ही चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है।
यूरोप में फलस्तीन के समर्थन में लहर
इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ यूरोप में विरोध प्रदर्शन भी तेज हो रहे हैं।
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पेरिस के एफिल टावर पर विशाल स्क्रीन पर फलस्तीन और इजरायल दोनों देशों के झंडे एक साथ प्रदर्शित किए गए। फ्रांस की मेयर एन हिडाल्गो ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की गाजा में शांति प्रयासों का समर्थन किया और द्विराष्ट्र सिद्धांत की पुष्टि की।
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इटली में ट्रेड यूनियनों ने गाजा के समर्थन में 24 घंटे की आम हड़ताल का ऐलान किया। इससे परिवहन और कई आवश्यक सेवाएं बाधित हुईं।
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इतना ही नहीं, इटली ने इजरायल को गोला-बारूद की आपूर्ति भी रोक दी है।